पारसीक कवि मौलाना जलालुद्दीन रूमी की संस्कृतमूलक शब्दावली

भाषा के विषय में यह सर्वप्रथित है कि प्राणी के भाव-विचारों के सम्प्रेषण में भाषा की अन्यतम भूमिका है जो किसी शब्दावली के माध्यम से वाणी के रूप में प्रकट होती है। मनुष्य पर भाषा का प्रभाव उसके परिवेश के अनुसार दीख पड़ता है। एक भाषा से दूसरी भाषा पर भी प्रभाव देखने को मिलता है जो देश-काल-परिस्थिति के...

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Bibliographic Details
Main Author: मोहित कुमार मिश्र
Format: Article
Language:English
Published: DR. SUGYAN KUMAR MAHANTY, CENTRAL SANSKRIT UNIVERSITY, VEDAVYAS CAMPUS, BALAHAR, DIST. KANGRA,TEHSIL-RAKKAR, H.P. INDIA, PIN – 177108 2020-06-01
Series:Prachi Prajna
Subjects:
Online Access:https://drive.google.com/file/d/19ka9ff0kpW0vwlf9vcHdhoPDdnI4EHwm/view

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